मांगलिक दोष की काट – जाने रामबाण उपाय
मांगलिक दोष, जिसे मंगल दोष या कुजा दोष के नाम से भी जाना जाता है, वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह दोष तब देखने को मिलता है जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। इस स्थिति को विवाह और रिश्तों में चुनौतियों का कारण माना जाता है, जैसे विवाह में देरी, वैवाहिक कलह, या स्वास्थ्य समस्याएँ। इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष मे कुछ उपाय दिये गए है जो की निम्नलिखित है।
मांगलिक दोष क्या है?
मांगलिक दोष एक जटिल विषय है जो परंपरा, संस्कृति और विश्वास का मिश्रण है। ऐतिहासिक रूप से, यह भारतीय समाज में विवाह के निर्णयों को प्रभावित करता है। पारंपरिक उपाय जैसे मूंगा धारण करना, मंगल मंत्र जाप, और कुंभ विवाह ओर भी अन्य उपाय है जो व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
चाहे आप परंपराओं में विश्वास करें या वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएँ, मांगलिक दोष को समझने के लिए ज्योतिषी से परामर्श और व्यक्तिगत विश्लेषण महत्वपूर्ण है। यह आपको सही निर्णय लेने में मदद करेगा।
मांगलिक दोष की काट (उपाय)

मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से प्रभावी माने जाते हैं:
मंगल दोष निवारण पूजा: मंगल दोष पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में विशेष रूप से कराई जाती है। अनुभवी पंडितों से संपर्क करें, जैसे पंडित हरिओम शर्मा जी।
कुंभ विवाह: मांगलिक व्यक्ति पहले मिट्टी के घड़े से प्रतीकात्मक विवाह करता है, जिसे बाद में विसर्जित कर दिया जाता है। यह दोष के प्रभाव को समाप्त करने के लिए किया जाता है।
वृक्ष विवाह: जो पुरुष मांगलिक होते है वो व्यक्ति पीपल या केले के पेड़ से विवाह करते हैं, जबकि महिलाएँ विष्णु मूर्ति से विवाह करती हैं।
मांगलिक से मांगलिक विवाह: यदि कुंडली में मांगलिक दोष है, तो मांगलिक व्यक्ति का विवाह किसी अन्य मांगलिक व्यक्ति से करना सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।
मंगल मंत्र जाप: निम्नलिखित मंत्रों का नियमित जाप मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करता है:
मंगल मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” (रोज 108 बार जाप करें)।
हनुमान मंत्र: “ॐ हं हनुमते नमः” (हनुमान जी मंगल के अधिपति हैं)।
गायत्री मंत्र: मंगल के लिए विशेष गायत्री मंत्र का जाप भी लाभकारी है।
हनुमान जी की पूजा करें: हनुमान जी मंगल ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित करते हैं। मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाएँ और हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें। हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएँ।मंगलवार का व्रत रखें और लाल मसूर की दाल का दान करें।
रत्न धारण करना: मूंगा (Coral): मंगल का रत्न मूंगा पहनना मांगलिक दोष को कम करता है।
दान और पुण्य कार्य: मंगल ग्रह को शांत करने के लिए निम्नलिखित दान करें:
लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबा, या गुड़। मंगलवार को गरीबों को भोजन या लाल फल (अनार, सेब) दान करें। गौ सेवा करें या गाय को गुड़ और चना खिलाएँ।
मंगल यंत्र की पूजा: मंगल यंत्र को घर में स्थापित करें और रोजाना इसकी पूजा करें। दीप जलाएँ, लाल फूल चढ़ाएँ, और मंगल मंत्र का नियमित जाप करें।
कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
- उपायों का पालन नियमित और श्रद्धापूर्वक करें, क्योंकि मांगलिक दोष के प्रभाव को कम होने में समय लग सकता है।
- सकारात्मक सोच और अच्छे कर्मों से दुष्प्रभावो के बोझ को कम करें।
- यदि विवाह में देरी हो रही हो, तो मंगलनाथ मंदिर उज्जैन में विशेष पूजा करवाएँ।
उज्जैन में मांगलिक दोष पूजा कैसे बुक करें?
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में मांगलिक दोष पूजा के लिए, आप अनुभवी पंडितों से संपर्क कर सकते हैं। ऑनलाइन बुकिंग के लिए बेबसाइट जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। शुभ मुहूर्त और व्यक्तिगत विवरण प्रदान करें ताकि पूजा आपकी कुंडली के अनुसार हो।
नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा बुक करें।