अर्क विवाह पूजा उज्जैन

क्या आपकी कुंडली में भी दो विवाह के योग है? यदि हाँ, तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और पूजा के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। 

अर्क विवाह क्या है ?

अर्क विवाह एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप मे माना जाता है, जिसे मुख्य रूप से वैदिक ज्योतिष में मांगलिक दोष के निवारण के लिए किया जाता है। जिस पुरुष की कुंडली में दो विवाह के योग होते है उस पुरुष का अर्क विवाह कराया जाता है जिससे कुंडली से दो विवाह के योग समाप्त हो जाते है और व्यक्ति अपनी पसन्द से विवाह कर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकता है। अर्क विवाह एक प्रतीकात्मक विवाह होता है, जिसमें विवाह अर्क (पेड़) के साथ किया जाता है। अर्क एक औषधीय और पवित्र पेड़ है, जिसे आक का पेड़ भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पिछले जन्म के अशुभ कर्मों के प्रभाव से भी मांगलिक दोष उत्पन्न हो सकता है। अर्क विवाह इस दोष को समाप्त करने में सहायक होता है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार, मांगलिक दोष वाले व्यक्ति के साथ विवाह करने से उनके जीवनसाथी को कई प्रकार की समस्याओं एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जीवनसाथी की अकाल मृत्यु भी हो सकती है, इसलिए ऐसी स्थिति में अर्क विवाह करना अनिवार्य है। 

Mangal Bhaat Puja

अर्क विवाह क्यों कराया जाता है ?

अर्क विवाह मुख्य रूप से किसी पुरुष के जीवन में मांगलिक दोष के कारण विवाह मे आ रही बाधाओं को समाप्त करने के लिए किया जाता है, जो की प्रतीकात्मक होता है। निम्नलिखित विधियों द्वारा यह विवाह सम्पन्न कराया जाता है :- 

  • मांगलिक दोष के निवारण के लिए :- जब किसी पुरुष की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है (जैसे प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, या द्वादश भाव में), तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष वैवाहिक जीवन में बाधाएं, तनाव और कष्ट उत्पन्न कर सकता है। अर्क विवाह इस दोष को शांत करने और उसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने का सटीक उपाय है।

  • पिछले जन्म के कर्म दोष :- धार्मिक ज्योतिष के अनुसार, पिछले जन्म के अशुभ कर्मों के प्रभाव से भी मांगलिक दोष उत्पन्न हो सकता है। अर्क विवाह इस दोष को समाप्त करने में सहायक होता है।

  • सुखी वैवाहिक जीवन :- मांगलिक दोष के प्रभाव को शांत करने के बाद, व्यक्ति का वास्तविक विवाह शुभ और सफल माना जाता है।

अर्क विवाह विधि

  1. अर्क पेड़ का चयन:- सबसे पहले अर्क पेड़, जिसे आक का पेड़ भी कहा जाता है, का चयन पूजा के लिए किया जाता है। इसे पवित्र पेड़ माना जाता है। जिस पुरुष की कुंडली में दोष है उसका विवाह अर्क के पेड़ से करने से इस दोष को समाप्त किया जाता है।  

  2. पूजा-अर्चना:- विवाह से पहले, पंडित द्वारा अर्क पेड़ की विधिवत पूजा की जाती है। इसमें वैदिक मंत्रोच्चार और मंगल ग्रह से संबंधित विशेष मंत्रों का जप किया जाता है।

  3. विवाह की रस्में:- पुरुष (जिसकी कुंडली में मांगलिक दोष है) का प्रतीकात्मक रूप से अर्क पेड़ से विवाह कराया जाता है। इसमें सामान्य हिंदू विवाह की सभी रस्में शामिल होती हैं, जैसे मंगलसूत्र पहनाना, फेरे लेना, आदि।

  4. अर्क पेड़ की प्रतीकात्मक भूमिका:- अर्क पेड़ को व्यक्ति का पहला जीवनसाथी माना जाता है, जिससे कुंडली में दो विवाह के योग का समापन हो जाता है। और इस विवाह के बाद माना जाता है कि मांगलिक दोष का अशुभ प्रभाव समाप्त हो गया है। तथा दूसरा विवाह पसंदीदा जीवन साथी के साथ कराया जा सकता है।

  5. अर्क पेड़ का विसर्जन:- विवाह के बाद, अर्क पेड़ को प्रतीकात्मक रूप से छोड़ दिया जाता है या उसकी विधिवत पूजा कर उसे वहीं छोड़ दिया जाता है।

अर्क विवाह पूजा में कितना खर्च आता है?

अर्क विवाह पूजा की लागत: स्थान, पंडितजी की दक्षणा, और पूजा पर निर्भर करती है। उज्जैन में, यह पूजा सामान्यतः ₹2100 से ₹5100 तक के बीच होती है। अर्क विवाह पूजा का सटीक खर्च जानने के लिए उज्जैन के पूजा संबन्धित पंडित हरिओम शर्मा जी से संपर्क करें और पूजा की लागत के बारे में जानकारी प्राप्त करें। 

उज्जैन में अर्क विवाह कैसे कराएं ?

अर्क विवाह उज्जैन में कराने के लिए उज्जैन के श्रेष्ठ एवं अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी से संपर्क करें। पंडित हरिओम शर्मा को मुख्य दोष निवारण पूजाओं का 15 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है। पंडित जी विशेष रूप से मंगल दोष निवारण और इससे संबन्धित पूजाओं के लिए प्रसिद्ध है। अर्क विवाह पूजा बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर अभी कॉल करें, पंडित जी से पूजा के बारे अधिक जानकारी प्राप्त करें।

अर्क विवाह के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न

अर्क विवाह पूजा विशेष रूप से उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में की जाती है, यह मंदिर मंगल ग्रह के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है।  

आमतौर पर उज्जैन और अन्य धार्मिक स्थलों में इस पूजा का खर्च ₹2100 से शुरू होता है। पूजा खर्च पंडित जी और दक्षिणा पर भी निर्भर करता है। 

अर्क विवाह पूजा को विधिवत रूप से संपन्न करने में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग सकता है।

जन्म कुंडली मे मांगलिक दोष या दो विवाह योग पाये जाने पर पुरुष का अर्क विवाह कराया जाता है।