उज्जैन मे मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए पूजा की जानकारी
मांगलिक पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे जीवन में शुभता, शांति, और समृद्धि के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी मानी जाती है जिनकी कुंडली में “मांगलिक दोष” होता है। इसके अलावा, यह पूजा विवाह, गृह प्रवेश, या किसी नए कार्य की शुरुआत से पहले की जाती है ताकि कोई बाधा न आए और सफलता प्राप्त हो।
मांगलिक दोष क्या है ?
मांगलिक दोष ज्योतिषीय दृष्टि से तब बनता है जब मंगल ग्रह (मंगलदेव) कुंडली के 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है। इसे ‘मंगल दोष’ या ‘कुज दोष’ भी कहा जाता है। यह दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है और कई बार इसे अशुभ माना जाता है।
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मांगलिक दोष के प्रभाव
मांगलिक दोष हिंदू ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दोष है, जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसे वैवाहिक जीवन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इसके प्रभाव केवल विवाह तक सीमित नहीं हैं। यहां मांगलिक दोष के प्रमुख प्रभावों का विवरण नीचे दिया गया है:
- मांगलिक दोष से पीड़ित व्यक्तियों के विवाह में अक्सर देरी हो सकती है। वैवाहिक जीवन में झगड़े, तनाव और असहमति की संभावना बढ़ जाती है।
- यह दोष विवाह, दांपत्य जीवन, और व्यक्तिगत जीवन में समस्याएं ला सकता है।
- मांगलिक दोष व्यक्ति के स्वभाव में आक्रामकता और चिड़चिड़ापन ला सकता है, जो रिश्तों में अस्थिरता का कारण बन सकता है। इस दोष के कारण रिश्तों मे खटास अति है।
- मांगलिक दोष के कारण व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि चोट लगना, दुर्घटनाएं, या शारीरिक दुर्बलता और मानसिक तनाव इत्यादि।
- इस दोष के कारण आर्थिक अस्थिरता आ सकती है। कभी-कभी यह व्यक्ति को गलत दिशा मे ले जाता है, जैसे- धन हानि, या कर्ज में डूबने की स्थिति।
मांगलिक दोष के उपाय
मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने और जीवन में शांति व सुख प्राप्त करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। ये उपाय सरल और प्राचीन परंपराओं पर आधारित हैं, जो मंगल ग्रह की अशुभता को समाप्त करने में सहायक होते हैं, ये प्रभाव निम्नलिखित है :-
- मांगलिक दोष से ग्रसित व्यक्ति का पहले किसी कुंभ (मिट्टी का घड़ा) या वृक्ष (पीपल या केले का पेड़) से विवाह कराया जाता है। इसे मंगल दोष की प्रतीकात्मक शांति माना जाता है, जो वैवाहिक जीवन की समस्याओं को रोकने में सहायक है।
- मंगल ग्रह के अधिपति हनुमान जी हैं। उनकी पूजा और नियमित हनुमान चालीसा का पाठ मंगल दोष को शांत करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं।
- मंगल के बीज मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करें:
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” - भगवान शिव की रुद्राभिषेक पूजा करना मंगल दोष के निवारण के लिए अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है। यह पूजा कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति को समाप्त करती है।
- मांगलिक दोष को शांत करने के लिए मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए, जैसे :- लाल कपड़ा, मसूर की दाल, तांबे के बर्तन, गुड़, मूंगा रत्न (प्राकृतिक मूंगा धारण करें)। ये वस्तुएं मंगलवार को गरीबों को दान करें।
मांगलिक दोष निवारण पूजा
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मांगलिक दोष निवारण पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभता को कम करना और जीवन में शांति व समृद्धि लाना है। यह पूजा वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और मंगल ग्रह के दोष से उत्पन्न नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करने में सहायक होती है।
मांगलिक पूजा का महत्व
मांगलिक पूजा का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह के प्रभाव से उत्पन्न अशुभता को दूर करना है। मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, और शक्ति का प्रतीक है। जब इसका प्रभाव कुंडली में प्रतिकूल रूप से पड़ता है, तो यह जीवन में कलेश, झगड़े, आर्थिक समस्याएं, या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ ला सकता है। इस पूजा से ये समस्याएं दूर होती हैं और शांति प्राप्त होती है।
मांगलिक पूजा कब की जाती है ?
1.विवाह से पहले:
जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, उनका विवाह सुखी और स्थिर रहे, इसके लिए विवाह से पूर्व ही मांगलिक पूजा की जाती है।
2.गृह प्रवेश या नए कार्य की शुरुआत:
नए घर में प्रवेश या व्यापार की शुरुआत से पहले मांगलिक पूजा करना शुभ माना जाता है।
3.पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए:
घर में शांति, सुख, और समृद्धि लाने के लिए भी यह पूजा करवाना शुभ माना जाता है।
4.अशुभ ग्रह दोषों के निवारण के लिए:
पितृ दोष, कालसर्प दोष, या अन्य ज्योतिषीय दोष से यदि कोई व्यक्ति पीड़ित है तो इसके निवारण के लिए यह पूजा की जाती है।
मांगलिक दोष पूजा का उज्जैन में महत्व
उज्जैन भारत का सबसे पवित्र और प्राचीन शहर है और ज्योतिष के अनुसार, यह मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर इस दोष के निवारण के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है। यहां मंगल दोष शांति के लिए विशेष पूजाएं और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। मांगलिक दोष पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में करवाना विशेष रूप से फलदायी मनी जाती है, क्योंकि मंगलनाथ मंदिर मुख्य रूप से मंगल देवता की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर केवल पूजा का स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था का केंद्र भी है। यहां पूजा करने से अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
मांगलिक दोष पूजा कैसे करवाए ?
मंगल दोष पूजा उज्जैन में कराने के लिए सबसे पहले अपनी कुंडली की जांच उज्जैन के अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी से कराएं और दोष निवारण की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। पंडित जी को दोष निवारण पूजाओं का 15 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है अपनी पूजा बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें ओर अभी अपनी पूजा बुक करें :-