क्या आप भी मंगल दोष से पीड़ित है? दोष को शांत करना चाहते है? तो आज ही मंगल दोष निवारण पूजा के प्रसिद्ध और अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी से संपर्क करें और अपनी पूजा बुक करें। साथ ही पंडित से अपनी जन्म कुंडली की निशुल्क जांच कराएँ।
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष (जिसे “मांगलिक दोष” या “कुजा दोष” भी कहा जाता है) एक महत्वपूर्ण दोष है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (मंगलवार का स्वामी ग्रह) विशेष भावों में स्थित होता है। जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह 1, 2, 4, 7, 8, या 12वें भाव में स्थित होता है, तब मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में देखने को मिलते है। मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन अगर यह ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
मंगल दोष मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डालता है, यह वैवाहिक जीवन के साथ-साथ स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन और आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है। इसे शांत करने और नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करने के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठानों की सलाह दी जाती है।
जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह विशेष भावों (1, 2, 4, 7, 8, 12) में स्थित हो, तो मंगल दोष के लक्षण स्पष्ट रूप से व्यक्ति के जीवन में दिखाई दे सकते हैं। यह दोष जीवन में तनाव, संघर्ष, और अस्थिरता का कारण बन सकता है, इस दोष के ओर भी अनेक लक्षण देखे गए है जो की निम्नलिखित है :-
मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को चोट लगने, दुर्घटनाओं का सामना करने, और सर्जरी की आवश्यकता होने की संभावना अधिक होती है
मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति के परिवार में तनाव और विवाद अक्सर बना रहता हैं। रिश्तों में मिठास की कमी और छोटी-छोटी बातों पर झगड़े हो सकते हैं।
मंगल दोष करियर में अस्थिरता, संघर्ष, और पदोन्नति में देरी का कारण बन सकता है। व्यक्ति को करियर में निरंतर संघर्ष करना पड़ सकता है।
मंगल दोष से ग्रसित व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है। और उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
मंगल दोष एक भारतीय ज्योतिषीय दोष है जो मुख्य रूप से विवाह, स्वास्थ्य, और जीवन के अन्य क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसे शांत करने के लिए कुछ विशेष उपाय और पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं। यदि मंगल ग्रह की स्थिति आपके कुंडली में अशुभ है, तो निम्नलिखित उपाय लाभदायक होते हैं:-
मंगल यंत्र को घर या पूजा स्थल में स्थापित करना मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करने में सहायक होता है।
दान को महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है। मंगल ग्रह के दोष को शांत करने के लिए विशेष दान किए जाते हैं, लाल वस्त्र, मसूर की दाल, तांबा, और गुड़ का दान अवश्य करें।
मंगल ग्रह के प्रभाव को शांत करने के लिए रत्न भी धारण कर सकते हैं। लाल मूंगा रत्न को सोने या तांबे की अंगूठी में धारण करना शुभ होता है। इस रत्न को पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।
वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष के दुष्प्रभावों का किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली से निवारण करने के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनसे मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति को शांत किया जा सकता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करना और जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि लाना है। मंगल दोष निवारण पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, पारिवारिक जीवन में सामंजस्य, स्वास्थ्य में सुधार, और आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है। मंगल दोष निवारण पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को शांत किया जा सकता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। पूजा में सही विधि और विश्वास के साथ किए गए उपाय प्रभावी होते हैं। यह पूजा न केवल मंगल दोष को शांत करती है, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक परिवर्तन लाती है।
यदि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन संघर्षपूर्ण हो, तो यह पूजा उसके जीवन में शांति और खुशहाली लाने में मदद करती है। मंगल दोष निवारण पूजा विशेष रूप से मंगलवार को करनी चाहिए, क्योंकि यह मंगल ग्रह का दिन होता है। यदि मंगलवार को पूजा करना संभव न हो, तो किसी अन्य शुभ तिथि का चयन भी किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार को पूजा का विशेष महत्व है।
उज्जैन, जो कि भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक पवित्र और प्राचीन नगर है, जिसे महादेव की नगरी भी कहा जाता है। विशेष रूप से अपने ज्योतिषीय महत्व और महाकालेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां के धार्मिक स्थल और मंदिरों में विशेष पूजा-अनुष्ठान होते हैं जो जीवन के विभिन्न दोषों को शांत करने में मदद करते हैं, और इनमें से एक प्रमुख पूजा मंगल दोष निवारण पूजा है। उज्जैन में मंगल दोष पूजा कराने के लिए महाकालेश्वर मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, और गढ़कालिका मंदिर जैसे पवित्र स्थलों पर विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।
उज्जैन मे स्थित मंगलनाथ मंदिर का संबंध विशेष रूप से मंगल ग्रह से है। इस मंदिर को मंगल ग्रह का जन्म स्थल कहा जाता है। यह मंदिर उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां विशेष रूप से मंगल ग्रह की पूजा की जाती है और मंगल दोष को शांत करने के उपाय किए जाते हैं।
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मंगल दोष पूजन उज्जैन मे मंगलनाथ मंदिर मे कराई जाती है।
समान्यतः मंगल दोष पूजा मे कम से कम 2 घंटे का समय लगता है।
नहीं किसी भी प्रकार की पूजा सामाग्री आपको लाने की जरूरत नहीं है, सारी व्यवस्था पंडित जी द्वारा की जाती है।
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