रुद्राभिषेक पूजा उज्जैन

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा कराने से न केवल भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि जीवन में आने वाली समस्त बाधाएँ, रोग, और ग्रह दोष भी समाप्त होते हैं, अपनी पूजा उज्जैन में बुक करने के लिए पंडित जी को नीचे गए नंबर पर कॉल करें 

रुद्राभिषेक पूजा क्या है?

हिन्दू धर्म में रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली वैदिक अनुष्ठान है। इसमें भगवान शिव के रुद्र रूप की पूजा करते हुए विविध वस्तुओं से अभिषेक (स्नान) किया जाता है और रुद्र सूक्त एवं महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति, कर्मों का शुद्धिकरण, और जीवन की बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक प्रभावशाली उपाय है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की बाधाओं, रोगों, और मानसिक तनाव को दूर करती है और उसे सुख, शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।

  • रुद्र: भगवान शिव का एक उग्र और शक्तिशाली रूप, जो सृष्टि के संहारक और पुनर्निर्माता हैं।
  • अभिषेक: पवित्र जल, दूध, शहद, दही, और अन्य पवित्र सामग्रियों से भगवान के विग्रह या शिवलिंग पर स्नान कराना।

रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान शिव के रुद्र रूप का विधिपूर्वक अभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करना

Rudrabhishek Puja 1

रुद्रभिषेक पूजा का महत्व

वैदिक शास्त्रों के अनुसार रुद्रभिषेक पूजा भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ प्रभावशाली उपाय है जो व्यक्ति के जीवन मे सुख-समृद्धि का प्रमुख कारण बनती है। इस पूजा का महत्व नीचे दर्शाया गया है: 

  • कर्मों का शुद्धिकरण – रुद्राभिषेक से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और जीवन में शुद्धता आती है।
  • स्वास्थ्य और दीर्घायु – यह पूजा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाकर दीर्घायु प्रदान करती है।
  • धन और समृद्धि – रुद्राभिषेक के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है और व्यापार में उन्नति होती है।
  • मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति – यह पूजा तनाव, भय, और नकारात्मक विचारों को दूर करती है।
  • ग्रह दोष और शत्रु बाधा का निवारण – कुंडली में मौजूद ग्रह दोष, विशेष रूप से शनि साढ़ेसाती और कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करती है।

रुद्राभिषेक पूजा कब करानी चाहिए?

रुद्राभिषेक पूजा कराने के लिए विशेष तिथि या दिन का चयन किया जाना बहुत ही लाभकारी माना जाता है ये शुभ तिथि नीचे दी गई है:-

  • महाशिवरात्रि, श्रावण मास (सावन), और सोमवार के दिन यह पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
  • कुंडली में ग्रह दोष, विशेष रूप से शनि दोष या मंगल दोष के समाधान के लिए।
  • जब व्यक्ति स्वास्थ्य समस्याओं, आर्थिक संकट, या मानसिक तनाव से जूझ रहा हो।
  • नौकरी या व्यवसाय में लगातार असफलता या बाधाओं के समय।
  • विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में समस्याओं के समाधान के लिए।

रुद्राभिषेक पूजा-विधि

रुद्राभिषेक पूजा विधिवत रूप से कराने के लिए कुछ विशेष नियम व पूजा विधि शास्त्रों मे बताए गए है जो की निम्न लिखित है:-

(i) शुद्धि और संकल्प:
  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  • भगवान शिव के सामने दीप जलाकर पूजा का संकल्प लें।
(ii) कलश स्थापना और आह्वान:
  • तांबे के कलश में गंगाजल भरकर उसे शिवलिंग के पास स्थापित करें।
  • भगवान शिव का आह्वान करते हुए “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
(iii) रुद्राभिषेक (अभिषेक प्रक्रिया):
  1. गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएँ। दूध, दही, शहद, घी, और शक्कर से पंचामृत स्नान कराएँ।
  2. शुद्ध जल से पुनः स्नान कराकर चंदन और भस्म अर्पित करें। बेल पत्र, धतूरा, आक के फूल चढ़ाएँ।
(iv) मंत्र जाप:
  • रुद्र सूक्त और महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र:
    “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
(v) आरती और प्रसाद वितरण:
  • पूजा के अंत में शिव जी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

रुद्राभिषेक पूजा के लाभ

  1. स्वास्थ्य लाभ:- गंभीर बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत मिलती है। दीर्घायु और निरोगी जीवन प्राप्त होता है।
  2. धन, वैभव, और समृद्धि:- आर्थिक तंगी दूर होती है और व्यापार में सफलता मिलती है। निवेश और करियर में स्थिरता प्राप्त होती है।

  3. मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति:- तनाव, चिंता, और भय से मुक्ति मिलती है। ध्यान और साधना में सफलता प्राप्त होती है।

  4. कुंडली दोष और ग्रह दोष का निवारण:- शनि साढ़ेसाती, राहु-केतु दोष, और कालसर्प दोष के निवारण के लिए अत्यंत प्रभावी। मंगल दोष से उत्पन्न विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान।

  5. परिवार में सुख-शांति:- परिवार में आपसी सामंजस्य और शांति बढ़ती है। संतान सुख और परिवारिक कल्याण में वृद्धि होती है।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा कैसे कराएं?

उज्जैन भगवान शिव की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, जहाँ विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह स्थान रुद्राभिषेक पूजा के लिए सबसे पवित्र और शक्तिशाली स्थलों में से एक माना जाता है। उज्जैन में रुद्राभिषेक कराने से व्यक्ति को भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है। उज्जैन के अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी से संपर्क करें एवं अपनी पूजा बुक करें 

Rudrabhishek puja in Ujjain Faq's

A: Rudrabhishek puja can be performed at various temples in Ujjain, such as Mahakaleshwar Temple, Mangalnath Temple, and Harsiddhi Temple.

A: The duration of Rudrabhishek puja may vary depending on the temple and the specific rituals performed. Generally, it can take anywhere from 30 minutes to a few hours.

A: To book Rudrabhishek at Mahakaleshwar temple, follow these steps:

  1. Visit the official website of the Mahakaleshwar temple.
  2. Look for the section dedicated to booking rituals or pujas.
  3. Find the option for Rudrabhishek and click on it.
  4. Fill in the required details such as date, time, and personal information.
  5. Make the payment online to confirm your booking.
  6. Keep the booking confirmation for reference and visit the temple on the scheduled date and time.

A: It is advisable to check the specific requirements of the temple where you plan to perform the puja. Some temples may require prior booking or registration, while others may have specific timings for the puja.

A: The typical items required for Rudrabhishek puja include milk, water, honey, ghee, curd, flowers, fruits, and sacred ashes (bhasma). However, the exact requirements may vary from temple to temple.

A: Yes, you can perform Rudrabhishek puja on any day. However, certain auspicious occasions or festivals associated with Lord Shiva, such as Mahashivratri, Mondays (considered sacred to Lord Shiva), or specific planetary alignments, may be considered more favorable for the puja.

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