उच्च मंगल दोष क्या है? जाने लक्षण और उपाय
उच्च मंगल दोष एक गंभीर ज्योतिषीय स्थिति है, जो व्यक्ति के जीवन में विवाह, स्वास्थ्य, करियर और पारिवारिक संबंधों में बाधाएं उत्पन्न कर सकती है।ये मंगल दोष का एक प्रकार है। इस दोष के निवारण के लिए उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में विशेष पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं, जो अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं।
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में की गई पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है, क्योंकि यह स्थान ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली है। यहाँ पर उच्च मंगल दोष के निवारण के लिए विशेष पूजा विधियाँ अपनाई जाती हैं, जिन्हें मंगल भात पूजा या मंगल दोष शांति पूजा कहा जाता है।
उच्च मंगल दोष क्या है?
जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष कहा जाता है। यदि मंगल ग्रह इन भावों में उच्च स्थिति में हो और अन्य अशुभ ग्रहों के साथ युति करे, तो यह उच्च मंगल दोष कहलाता है। यह दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य और करियर में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
उच्च मंगल दोष के लक्षण
भारतीय ज्योतिष के अनुसार उच्च मंगल दोष मंगल दोष का एक प्रकार है जो की निम्नलिखित लक्षण पर आधारित है:
- वैवाहिक जीवन: विवाह में देरी, तलाक या पति/पत्नी के साथ अशांति।
- आर्थिक समस्याएं: नौकरी या व्यवसाय में अस्थिरता, अचानक नुकसान।
- शारीरिक प्रभाव: रक्त संबंधी रोग, सर्जरी, या दुर्घटनाएं।
- मानसिक प्रभाव: अत्यधिक क्रोध, आत्मविश्वास की कमी।
उच्च मंगल दोष निवारण पूजा
उच्च मंगल दोष निवारण पूजा एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो तब आयोजित की जाती है जब मंगल ग्रह कुंडली में एक साथ 2 या अधिक अशुभ भावों (जैसे 1, 8, 12वें) में बैठ जाता है। और एसी स्थिति में यह दोष व्यक्ति के जीवन में विनाशकरी प्रभाव डालता है।
एसी स्थिति से बाहर निकलने के लिए ही उच्च मंगल दोष पूजा का आयोजन किया जाता है ताकि इस दोष के नकारात्मक प्रभाव को कुंडली से जड़ से खत्म कर सकें। इस दोष को जड़ से हटाने के लिए रुद्राभिषेक, 21 ब्राह्मणों द्वारा सम्पूर्ण वैदिक अनुष्ठान, और नियमित दान आवश्यक है। मान्यता है कि यह पूजा न केवल मंगल को शांत करती है, बल्कि पितृ दोष और कालसर्प योग के प्रभाव को भी कम करती है।
उच्च मंगल दोष पूजा की विशेष पूजा-विधि
उज्जैन में उच्च मंगल दोष पूजा विशेष रूप से सम्पन्न करायी जाती है जिसकी पूजा-विधि निम्नानुसार है:
- सर्वप्रथम पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन किया जाता है। उसके बाद स्थान पर विचार किया जाता है।
- पूजा शुरू करने के लिए पूजा सामग्री की व्यवस्था की जाती है जैसे:
- लाल चंदन, मसूर दाल, लाल फूल (हिबिस्कुस), गुड़, तांबे के बर्तन।
- मंगल यंत्र और हनुमान जी की मूर्ति।
- मंत्र जाप: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः (21 माला प्रतिदिन)।
- रुद्राभिषेक: शिव मंदिर में 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्र पाठ और हवन।
- दान: लाल वस्त्र, गुड़, या गाय को दान दें।
उच्च मंगल दोष निवारण मंत्र:
उज्जैन के श्रेष्ठ पंडितो के अनुसार कुंडली से मंगल दोष के निवारण में मंत्र उच्चारण का बहुत ही लाभदायक प्रभाव होता है ये मंत्र निम्नलिखित है:
मंगल बीज मंत्र
मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
मंगल गायत्री मंत्र
- मंत्र: ॐ अंगारकाय विद्महे, शक्तियुताय धीमहि, तन्नो मंगल प्रचोदयात्
उच्च मंगल दोष पूजा खर्च
उच्च मंगल दोष की स्पष्टि होने के बाद पूजा कराना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए श्रेष्ठ पंडित और पूजा खर्च, विधि आदि की जानकारी होना जरूरी है। यह पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में अनुभवी पंडितो द्वारा कराई जाती है। उच्च मंगल शांति पूजा की लागत पंडित जी और सामग्री पर आधारित होती है। उज्जैन में पंडित योगेश शर्मा जी के नेत्रत्व में इस पूजा का खर्च लगभग ₹2,100 से शुरू होता है।
उज्जैन में उच्च मंगल दोष पूजा कैसे बुक करें?
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में उच्च मंगल दोष पूजा कराने के लिए सबसे पहले उज्जैन के योग्य पंडित हरिओम शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर सम्पर्क करें और पूजा के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें। पंडित जी को दोष निवारण पूजाओं में 25 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है।