कुंडली में स्थित मांगलिक दोष को किस प्रकार दूर किया जा सकता है?

कुंडली में स्थित मांगलिक दोष किस प्रकार दूर किया जा सकता है?

भारतीय वैदिक ज्योतिष में, मांगलिक दोष को एक ऐसा ग्रहदोष माना गया है जो विशेष रूप से विवाह जीवन और वैवाहिक सुख को प्रभावित करता है। मंगल को “अग्नि तत्व ग्रह” कहा गया है इसलिए यह व्यक्ति में जोश, ऊर्जा और क्रोध का प्रतीक होता है। परंतु जब यह ग्रह अशुभ स्थिति में आ जाता है, तो यह वैवाहिक जीवन में असंतुलन और विवाद का कारण बन सकता है।

मांगलिक दोष कोई स्थायी समस्या नहीं है। यह केवल एक ग्रह स्थिति है जो कर्मों और ग्रहों के संतुलन से प्रभावित होती है। यदि सही विधि से उज्जैन में मंगल दोष पूजा, मंत्र जाप, दान और संयम का पालन किया जाए, तो यह दोष न केवल शांत होता है बल्कि व्यक्ति के भाग्य और वैवाहिक जीवन में उन्नति भी लाता है।

मांगलिक दोष के लक्षण और प्रभाव क्या है?

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ भावों में बैठा है, तो उसे इन लक्षणों से गुजरना पड़ सकता है। मांगलिक दोष वाले व्यक्ति के जीवन में निम्न प्रकार के प्रभाव देखने को मिलते हैं —

  • विवाह में देरी या बार-बार रिश्ते टूटना।
  • पति-पत्नी के बीच मतभेद, वाद-विवाद या मानसिक असंतोष।
  • क्रोध, अधीरता और अस्थिरता का स्वभाव।
  • करियर में बार-बार असफलता या दिशा भ्रम।
  • पारिवारिक जीवन में तनाव और मनोवैज्ञानिक दबाव।

जन्मकुंडली से मांगलिक दोष को कैसे दूर करें? जाने दोष के प्रभावी उपाय

निम्नलिखित उपायो को अपनाकर मांगलिक दोष को शांत किया जा सकता है और मंगल ग्रह को शुभ बनाया जा सकता है।

मांगलिक दोष निवारण पूजा उज्जैन

मंगल दोष को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है मांगलिक दोष निवारण पूजा उज्जैन में कराना। यह पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में अत्यंत शुभ मानी जाती है। भगवान हनुमान और भगवान शिव की कृपा से कोई भी मांगलिक दोष स्थायी नहीं रहता। विश्वास, भक्ति और नियमित साधना बनाए रखें। इस पूजा में —

  • मंगल ग्रह का बीज मंत्र जप,
  • हवन,
  • अभिषेक,
  • और विशेष मंगल स्तोत्र का पाठ किया जाता है।

मंगल दोष निवारण मंत्र:

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः॥”

इस मंत्र का 108 बार जप करने से मंगल शांत होता है और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है।

भगवान हनुमान जी की आराधना

मंगल ग्रह का सीधा संबंध भगवान हनुमान जी से है।
हर मंगलवार को हनुमान मंदिर जाकर सिंदूर, चमेली का तेल और गुड़-चना चढ़ाएं।
“हनुमान चालीसा” का पाठ करें और यह मंत्र जपें —

“ॐ हं हनुमते नमः।”

यह उपाय न केवल मंगल दोष को शांत करता है, बल्कि जीवन में आत्मविश्वास और शक्ति भी बढ़ाता है।

कुंभ विवाह या पीपल विवाह

जिन लोगों के कुंडली में अत्यधिक मांगलिक प्रभाव होता है, उनके लिए कुंभ विवाह या पीपल विवाह अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है।
यह प्रतीकात्मक विवाह मंगल दोष को निष्क्रिय करता है और भविष्य के दांपत्य जीवन में सुख-शांति लाता है।

रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप

रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम माध्यम है।
मंगल दोष शांत करने के लिए “महामृत्युंजय मंत्र” का जप करना अत्यंत शुभ होता है —

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

यह जप व्यक्ति के मन को शांत करता है और मंगल के तीव्र प्रभाव को कम करता है।

लाल वस्त्र और लाल मसूर का दान

मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान करना भी इस दोष को कम करता है।
दान में —

  • लाल मसूर,
  • लाल वस्त्र,
  • तांबा,
  • गुड़,
  • और कस्तूरी का उपयोग करें।

दान मंगलवार के दिन किसी योग्य ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को करें।

मंत्र जाप और रत्न धारण

मंगल को शांत करने के लिए कोरल (Moonga) रत्न धारण किया जा सकता है। यह उपाय मंगल ग्रह को शुभ फल देने के लिए प्रेरित करता है। इसे तांबे की अंगूठी में जड़वाकर मंगलवार को धारण करें। साथ ही प्रतिदिन यह बीज मंत्र जपें —

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः॥”

संयम और सकारात्मकता बनाए रखें

मंगल एक ऊर्जा प्रधान ग्रह है। इसलिए इसे शांत रखने के लिए व्यक्ति को क्रोध, जल्दबाजी और आवेश से बचना चाहिए। ध्यान, योग और प्राणायाम करने से मानसिक स्थिरता आती है और मंगल ग्रह संतुलित रहता है।

मांगलिक दोष शांति के लिए विशेष तिथि और दिन

  • सबसे शुभ दिन: मंगलवार
  • उपयुक्त तिथि: चतुर्थी, त्रयोदशी या अमावस्या
  • स्थान: उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर

मंगल दोष पूजा से प्राप्त होने वाले लाभ कौन-कौन से है?

यह पूजा केवल ग्रह शांति ही नहीं बल्कि जीवन में स्थिरता और सफलता भी लाती है। मुख्य लाभ इस प्रकार हैं —

विवाह में विलंब दूर होता है — जिनके विवाह में अड़चनें हैं, उन्हें शीघ्र शुभ योग प्राप्त होता है।

वैवाहिक जीवन में सामंजस्य — पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है।

क्रोध और अस्थिरता में कमी — मंगल के अशुभ प्रभाव से होने वाला तनाव और आवेश समाप्त होता है।

आर्थिक उन्नति — करियर और व्यापार में प्रगति के योग बनते हैं।

स्वास्थ्य और आत्मबल में सुधार — शरीर और मन दोनों में ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा की बुकिंग कैसे करें?

उज्जैन जैसे पवित्र स्थल पर कराई गई मंगल दोष पूजा न केवल दोष को शांत करती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में शुभता, सौभाग्य और स्थिरता भी लाती है। यदि आप भी मंगल दोष पूजा कराना चाहते है तो उज्जैन इस पूजा के लिए श्रेष्ठ स्थान है यहाँ का मंगलनाथ मंदिर मंगल दोष के निवारण के लिए प्रसिद्ध है।

उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में पूरी विधि के साथ पूजा सम्पन्न करने के लिए आज ही नीचे दिये गए नंबर पर कॉल कराएं और उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करके पूजा बुकिंग की जानकारी प्राप्त करें।

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