मांगलिक का विवाह कब करना चाहिए?

मांगलिक का विवाह कब करना चाहिए? शुभ समय और ज्योतिषीय समाधान

हिन्दू धर्म में विवाह जीवन का एक पवित्र बंधन होता है, लेकिन जब बात मांगलिक दोष की आती है तो परिवार में चिंता और भ्रम की स्थिति बन जाती है। मांगलिक व्यक्ति का विवाह कब और किससे करना चाहिए – यह प्रश्न अक्सर माता-पिता और युवाओं को परेशान करता है।

मांगलिक दोष कोई श्राप नहीं, बल्कि एक ज्योतिषीय स्थिति है जिसे ज्ञान, श्रद्धा और सही मार्गदर्शन से सही किया जा सकता है। विवाह से पहले दोष की सही जानकारी लेकर, योग्य उपाय अपनाकर आप जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।

मांगलिक दोष क्या होता है? जानिए कुंडली का यह विशेष दोष

जब मंगल ग्रह (Mangal) किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है, तब वह मांगलिक दोष कहलाता है। इसे कुज दोष या अंगारक दोष भी कहा जाता है।

इस दोष के नकारात्मक प्रभाव:

  • वैवाहिक जीवन में अशांति
  • पति-पत्नी में झगड़े या दूरी
  • तलाक या वैवाहिक विफलता
  • मानसिक तनाव व घरेलू कलह

मांगलिक का विवाह कब करना चाहिए? जाने सही समय और सावधानियां

1. जब दोनों वर-वधू मांगलिक हों

यदि लड़का और लड़की दोनों की कुंडली में मांगलिक दोष हो, तो उनका विवाह एक-दूसरे से करना उचित माना जाता है। इससे दोष का प्रभाव नष्ट या न्यूनतम हो जाता है। यह स्थिति “दोष समता” कहलाती है और इसे सबसे सुरक्षित माना जाता है।

2. मांगलिक दोष शांति पूजा के बाद विवाह करें

यदि केवल एक ही पक्ष मांगलिक हो, तो विवाह से पहले मंगल दोष शांति पूजा, कुंभ विवाह, या वट वृक्ष विवाह जैसे ज्योतिषीय उपाय किए जाने चाहिए। उज्जैन, नासिक, और काशी जैसे तीर्थस्थलों पर यह पूजन प्रभावशाली माना जाता है।

3. गुरु और शुक्र की शुभ दशा में विवाह करें

ज्योतिष के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में गुरु या शुक्र की शुभ दशा चल रही हो, तब विवाह करने से मांगलिक दोष का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है। कुंडली का निरीक्षण कर विवाह के लिए योग्य समय चुनें।

4. मांगलिक दोष कमजोर होने की स्थिति में विवाह संभव है

कई बार कुंडली में मांगलिक दोष होने के बावजूद वह प्रभावहीन या रद्द हो सकता है, जैसे:

  • मंगल स्वराशि (मेष या वृश्चिक) में हो
  • शुभ ग्रहों की दृष्टि मंगल पर हो
  • चंद्रमा की दृष्टि हो या चंद्र-मंगल योग हो

मांगलिक दोष निवारण के लिए वैदिक उपाय: उज्जैन में मंगल दोष पूजा

मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए वैदिक उपाय महत्वपूर्ण हैं। उज्जैन, जो मंगलनाथ मंदिर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का घर है, मंगल दोष निवारण पूजा के लिए सबसे शक्तिशाली स्थान माना जाता है। पूजा और अन्य उपाय निम्नलिखित है:

उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा

उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थल माना जाता है, और यहां की पूजा विशेष रूप से प्रभावी है। उज्जैन में मंगल दोष पूजा, वैदिक मंत्र जाप, और सही मुहूर्त का चयन मंगल दोष के प्रभाव को स्थायी रूप से कम कर सकता है।

पूजा की प्रक्रिया:

  • संकल्प: भक्त का नाम, जन्म विवरण और उद्देश्य (जैसे विवाह में सफलता) भगवान मंगल को समर्पित किए जाते हैं।
  • मंगल मंत्र जाप: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” जैसे मंत्रों का हजारों बार जाप।
  • अभिषेक: मंगलनाथ मंदिर में शिवलिंग या मंगल यंत्र पर दूध, जल और लाल चंदन से अभिषेक।
  • हवन: पवित्र अग्नि में घी, जड़ी-बूटियां और लकड़ी की आहुति।
  • प्रसाद वितरण: लाल चंदन, मूंगा, या पवित्र धागा जैसे प्रसाद।

मांगलिक दोष के अन्य वैदिक उपाय

  • मंगल मंत्र जाप: प्रतिदिन 108 बार मंगल मंत्र का जाप करें।
  • उपवास: मंगलवार को उपवास रखें और केवल सात्विक भोजन करें।
  • दान: लाल मसूर दाल, लाल वस्त्र या मूंगा दान करें।
  • रत्न धारण: ज्योतिषी की सलाह पर मूंगा (Coral) रत्न धारण करें।
  • हनुमान पूजा: मंगल दोष को कम करने के लिए मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मांगलिक दोष शांति के मुख्य उपाय

  • मंगल भात पूजा – यह पूजा उज्जैन और नासिक में प्रमुखता से होती है।
  • कुंभ विवाह – पहले मिट्टी के घड़े से प्रतीकात्मक विवाह कराया जाता है।
  • वट वृक्ष विवाह – वट (बड़) वृक्ष से विवाह करके दोष शांति।
  • हनुमान जी की उपासना – मंगल के कारक देव हनुमान जी हैं, उनकी उपासना करना।
  • मंगलवार का व्रत – लगातार 21 मंगलवार उपवास करें।

क्या मांगलिक दोष आजीवन रहता है?

नहीं, कुछ वैदिक और ज्योतिषीय उपायों तथा मंगल शांति पूजा से इसका प्रभाव कम या समाप्त हो सकता है। अनुभवी पंडित और सही स्थान पर पूजा करने से दोष शांति में मदद मिलती है।

उज्जैन में मांगलिक दोष पूजा कैसे कराये?

मंगल दोष को अपने विवाह की राह में बाधा न बनने दें। आज ही मंगल दोष पूजा बुक करें और सुखी वैवाहिक जीवन की ओर कदम बढ़ाएं। एक योग्य ज्योतिषी से परामर्श करें, मंगल दोष पूजा बुक करें, और सही समय पर विवाह की योजना बनाएं और उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति से अपने वैवाहिक जीवन को समृद्ध करें।

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