मंगल दोष पूजा कहाँ होती है? जाने प्रमुख पूजा स्थान
भारतीय ज्योतिष में मंगल दोष पूजा एक महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान है, जो कुंडली में मंगल ग्रह की नकारात्मक स्थिति के कारण उत्पन्न मंगल दोष के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो वैवाहिक जीवन में बाधाओं, आर्थिक समस्याओं, स्वास्थ्य चुनौतियों या करियर में रुकावटों का सामना कर रहे हैं।
मंगल दोष पूजा का सबसे प्रामाणिक और प्रभावी स्थान उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर है, जो मंगल ग्रह का जन्मस्थान होने के कारण अद्वितीय है। उज्जैन की पवित्रता, क्षिप्रा नदी और वैदिक परंपराएं मंगल दोष पूजा को विशेष बनाती हैं। इसके अलावा, अंगारेश्वर मंदिर, त्र्यंबकेश्वर, हनुमान मंदिर (जयपुर), गंगोत्री और हरिद्वार इस पूजा के लिए उपयुक्त हैं।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा कहाँ होती है?
उज्जैन – मंगल दोष पूजा का प्रमुख स्थल
उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित एक प्राचीन और पवित्र नगरी है जो की मंगल दोष पूजा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। उज्जैन को भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और मंगल ग्रह जन्मस्थान के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। उज्जैन में मंगल दोष पूजा के लिए निम्नलिखित स्थान सबसे महत्वपूर्ण हैं:
1. मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन में मंगल दोष पूजा का प्राथमिक और सबसे पवित्र स्थल है। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है और मंगल ग्रह को समर्पित है। मंगलनाथ मंदिर को मंगल दोष पूजा के लिए आदर्श माना जाता है, क्योंकि इसे मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है।
- स्थान का महत्व:
- मंगल शिला: मंदिर में मौजूद एक विशेष मंगल शिला (मंगल ग्रह का प्रतीकात्मक पत्थर) नकारात्मक ग्रह ऊर्जा को अवशोषित करती है, जिससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है।
- क्षिप्रा नदी की शुद्धता: पूजा से पहले क्षिप्रा नदी में स्नान करने से शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धि होती है।
- वैदिक परंपरा: मंदिर के पंडित वैदिक विधि-विधान के साथ पूजा संपन्न करते हैं, जो पूजा की प्रामाणिकता को सुनिश्चित करता है।
- आध्यात्मिक ऊर्जा: मंगलनाथ मंदिर का शांत और पवित्र वातावरण पूजा के दौरान गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करता है।
- पूजा की प्रक्रिया:
- स्नान: पूजा से पहले भक्तों को क्षिप्रा नदी के राम घाट पर स्नान करना होता है।
- संकल्प: पंडित भक्त के नाम, गोत्र और कुंडली विवरण के साथ पूजा का संकल्प लेते हैं।
- गौरी-गणेश पूजा: बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश और पार्वती की पूजा।
- नवग्रह पूजा: नौ ग्रहों की शांति के लिए कलश स्थापना।
- शिवलिंग अभिषेक: मंगल ग्रह का प्रतीक शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से अभिषेक।
- भट अर्पण: चावल (भट) का अर्पण मंगल ग्रह को शांत करने के लिए।
- मंत्र जाप और हवन: मंगल बीज मंत्र (ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः) का जाप और हवन।
- आरती: पूजा का समापन मंगलनाथ की आरती के साथ।
- विशेषताएं:
- पूजा का समय: मंगलवार, भौम प्रदोष और मृगशिरा नक्षत्र सबसे शुभ माने जाते हैं।
- लागत: सामान्य पूजा (₹2100–₹2500), विशेष पूजा (₹4000–₹7000), प्रीमियम पूजा (₹7,500 से शुरू)।
- ऑनलाइन सुविधा: https://mangaldoshpuja.com/ जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग और लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध।
- प्रसाद: पंचमेवा, रुद्राक्ष माला या मंगल यंत्र भक्तों को प्रदान किया जाता है।
- पहुंच:
- मंगलनाथ मंदिर उज्जैन रेलवे स्टेशन से 5 किमी और इंदौर हवाई अड्डे से 55 किमी दूर है।
- ऑटो, टैक्सी या स्थानीय बसों से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- मंदिर सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है, लेकिन पूजा के लिए सुबह का समय आदर्श है।
2. अंगारेश्वर मंदिर, उज्जैन
मंगलनाथ मंदिर के पास स्थित अंगारेश्वर मंदिर भी मंगल दोष पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और मंगल ग्रह से संबंधित पूजा के लिए वैकल्पिक स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है।
- स्थान का महत्व:
- अंगारेश्वर मंदिर में मंगल दोष पूजा की लागत मंगलनाथ मंदिर की तुलना में कम हो सकती है (₹1300–₹2000)।
- यह मंदिर उन भक्तों के लिए उपयुक्त है जो कम भीड़ और शांत वातावरण में पूजा करना चाहते हैं।
- क्षिप्रा नदी के निकट होने के कारण यहाँ भी स्नान और शुद्धिकरण की सुविधा उपलब्ध है।
- पूजा की प्रक्रिया:
- मंगलनाथ मंदिर की तरह ही यहाँ भी वैदिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें भट अर्पण और मंगल मंत्र जाप शामिल हैं।
- कुछ पंडित यहाँ विशेष “मंगल शांति हवन” करते हैं, जो मंगल दोष के गंभीर प्रभावों को कम करता है।
- विशेषताएं:
- कम भीड़ के कारण व्यक्तिगत ध्यान और अनुकूलित पूजा संभव।
- स्थानीय पंडितों के माध्यम से बुकिंग आसान और किफायती।
- पूजा का समय: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक।
मंगल दोष पूजा के लिए उज्जैन क्यों सर्वश्रेष्ठ है?
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर को मंगल दोष पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि:
- मंगल ग्रह का जन्मस्थान: मंगलनाथ मंदिर की मंगल शिला और मंगल ग्रह से सीधा संबंध पूजा को अत्यधिक प्रभावी बनाता है।
- क्षिप्रा नदी: नदी में स्नान पूजा की शुद्धता और प्रभाव को बढ़ाता है।
- महाकाल की कृपा: उज्जैन में भगवान शिव की उपस्थिति पूजा को और शक्तिशाली बनाती है।
- पंडितों की विशेषज्ञता: उज्जैन के पंडित वैदिक ज्योतिष और अनुष्ठानों में पारंगत हैं।
- आध्यात्मिक वातावरण: उज्जैन का पवित्र माहौल भक्तों को गहरी शांति और आध्यात्मिक अनुभूति देता है।
उज्जैन में कैसे कराये मंगल दोष पूजा?
यदि आप मंगल दोष से प्रभावित हैं, तो मंगलनाथ मंदिर में पूजा बुक करें और अपने जीवन में सुख-शांति का अनुभव करें। आज ही नीचे दिये गए नंबर पर उज्जैन के अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी के पास पूजा बुकिंग के लिए कॉल करें।