मंगल दोष निवारण के 3 प्रभावशाली मंत्र

मंगल दोष निवारण के 3 प्रभावशाली मंत्र

कुंडली से मंगल दोष के अशुभ प्राभवों को शांत कने के लिए मंगल दोष निवारण मंत्र एक प्रभावी और चमत्कारिक ज्योतिषीय उपाय है। मंगल दोष (Mangal Dosha) को शांत करने के लिए मंत्र साधना सबसे शक्तिशाली उपाय है। यहाँ कुछ प्रमुख मंत्र दिए गए हैं जो मंगल की नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करते हैं।

मंगल दोष (मांगलिक दोष) के कारण वैवाहिक जीवन, करियर और स्वास्थ्य में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। मंगल दोष निवारण मंत्रों का नियमित जाप मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त करने और जीवन में संतुलन स्थापित करने में मदद करता है। निम्नलिखित मंत्रों का नियमित जाप और उचित विधि से पालन करने पर मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

मंगल दोष निवारण मंत्र

उज्जैन में मंगल दोष निवारण के लिए अनुभवी पंडितो द्वारा विशेष जाप अनुष्ठान कराये जाते है जिसमे निम्नलिखित मंत्र उच्चारण का सुझाव दिया जाता है:

1. मंगल ग्रह का प्रार्थना मंत्र :

यह मंत्र मंगल ग्रह की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत उपयोगी है। मंगल गृह के अशुभ प्रभावों को मिटाने और कुंडली मे मंगल की स्थिति में शुभता लाने के लिये यह मंत्र बहुत लाभकारी होता है।

ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्।।

2. मंगल गायत्री मंत्र

ॐ क्षिति पुत्राय विद्महे लोहितांगाय धीमहि।
तन्नो भौमः प्रचोदयात्।।

मंगल गायत्री मंत्र का जाप मंगल ग्रह के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होते है।​ इस मंत्र के नियमित उच्चारण से व्यक्ति के जीवन मे खुशी की लहर और शांति आती है। यह जाप करियर में स्थिरता, आत्मविश्वास बढ़ाता है।

3. मंगल बीज मंत्र

ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।

यह मंत्र विशेष रूप से तांत्रिक विधियों में उपयोग किया जाता है।​ इस मंत्र के जाप से मंगल गृह के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा पाया जा सकता है। इस मंत्र के उच्चारण से क्रोध नियंत्रण, दुर्घटना से बचाव, वैवाहिक समस्याएं दूर होती है।

4. मंगल नाम मंत्र

ॐ अं अंगारकाय नमः।
ॐ भौं भौमाय नमः।

यह मंत्र मंगल ग्रह के विभिन्न नामों का स्मरण कर उसकी कृपा प्राप्त करने हेतु है।​ यह बहुत ही प्रभावशाली और लाभकारी मंत्र है जो की मंगल दोष के प्रभावों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। इस मंत्र का नियमित उच्चारण मन को शांति और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

मंत्र जाप की विधि

  • मंगलवार के दिन सूर्योदय के बाद या संध्या के समय उपरोक्त मंत्र का उच्चारण पंडित जी की सलाह से करें।
  • इन मंत्रो का जाप शुद्ध और शांत स्थान, जैसे मंदिर या पूजा कक्ष में करे। मंत्र जाप में कोई परेशानी न हो इसलिए शांत और एकांत स्थान का चयन करें।
  • ज्योतिषीय की सलाह से मंत्र जाप के लिए चंदन या तुलसी की माला का उपयोग करें।
  • उपरोक्त दिये गए प्रत्येक मंत्र का कम से कम 108 बार नियमित रूप से पंडित जी की सलाह से जाप करें।
  • मंगलवार के दिन लाल वस्त्र धारण करें, हनुमान जी की पूजा करें और लाल वस्तुओं का दान करें।

मंत्र जाप के नियम

मंत्र जाप करने से पूर्व यह जान लेना जरूरी है की मंत्र उच्चारण के लिए कौन-कौन से नियमो का पालन किया जाना चाहिए, ये नियम निम्नलिखित है:

  • मंत्र जाप से पहले स्नान करके लाल या केसरिया वस्त्र पहने।
  • जाप के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करे लहसुन-प्याज और मांसाहारी भोजन से बचे।
  • मंत्र जाप के लिए किसी ऐसे स्थान का चयन करें जहां शांति हो जैसे: पूजा घर, मंदिर आदि।

उज्जैन में कैसे कराये मंत्र जाप-अनुष्ठान?

मंगल दोष के निवारण के लिये मंत्र जाप-अनुष्ठान बहुत ही प्रभावशाली उपाय है लेकिन मंत्र जाप की विशेष जानकारी किसी अनुभवी पंडित से लें। उज्जैन के योग्य पंडित हरिओम शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और अपनी पूजा के बारें में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। यदि आप मंत्र जाप उज्जैन में कराना चाहते है तो आज ही पंडित जी के पास अपनी पूजा बुक करें

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