कुम्भ विवाह क्या है? कहाँ और कैसे कराएं?
कुम्भ विवाह पूजा क्या हैं ?
कुम्भ विवाह पूजा एक प्राचीन हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है जो वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करना चाहते हैं या अपने विवाह की सफलता और समृद्धि के लिए ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। यह पूजा मुख्य रूप से भारत में प्रचलित है और विशेष रूप से कुम्भ मेले के दौरान इसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
कुम्भ विवाह पूजा का अर्थ
कुम्भ का अर्थ होता है ‘कलश’ और विवाह का अर्थ ‘संयोग’ या ‘संघटन’। कुम्भ विवाह पूजा में जल से भरे हुए एक पवित्र कलश को प्रतीकात्मक दूल्हा मानकर विवाह की प्रक्रिया संपन्न की जाती है। यह पूजा मुख्य रूप से भगवान विष्णु और देवी तुलसी के दिव्य विवाह का प्रतीक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह से जुड़े कई धार्मिक अनुष्ठान वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि लाते हैं। इसलिए, कुम्भ विवाह पूजा को एक शुभ और पवित्र अनुष्ठान माना जाता है।
कुम्भ विवाह पूजा का महत्व
कुम्भ विवाह पूजा उन लोगों के लिए की जाती है जो जिनके जीवन मे विवाह से संबन्धित समस्याएँ देखी जाती है, इन समस्याओं के समाधान के लिए कुम्भ विवाह किया जाता है। इसके ओर भी महत्व है जो की निम्न लिखित है :-
1.मांगलिक दोष को दूर करना –
ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, तो यह विवाह में बाधा डाल सकता है। कुम्भ विवाह पूजा इस दोष को शांत करने और विवाह में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए की जाती है।
2. वैवाहिक जीवन में शांति और समृद्धि –
विवाहित जोड़े इस पूजा को करके भगवान शिव और पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनका दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
3. विवाह योग्य लड़कियों के विवाह में देरी हो रही हो –
कुम्भ विवाह पूजा विशेष रूप से उन लड़कियों के लिए की जाती है जिनके विवाह में बार-बार बाधाएं आ रही हों। यह पूजा उन बाधाओं को दूर करती है और विवाह के योग को मजबूत बनाती है।
कुम्भ विवाह पूजा के लाभ
1. मांगलिक दोष का निवारण – कुम्भ विवाह पूजा विशेष रूप से मांगलिक दोष को शांत करने और उसके प्रभाव को कम करने के लिए की जाती है।
2. सुखी वैवाहिक जीवन – इस पूजा से दांपत्य जीवन में प्रेम, सामंजस्य और समर्पण बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि एवं शांति प्राप्त होती है।
3. शुभ विवाह योग – जिन लड़कियों के विवाह में देरी हो रही हो, या विवाह के योग नही बन रहे हो उन लड़कियो के इस पूजा के बाद शीघ्र विवाह का योग बनता है।
4. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति – यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा और जीवन में आने वाले विघ्नों को दूर करती है, जिससे मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
5. भाग्य वृद्धि – कुम्भ विवाह पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। तथा वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सुखी जीवन के योग बनते है।
कुम्भ विवाह पूजा विधि
1.पूजा स्थल और सामग्री –
• एक पवित्र स्थान का चयन किया जाता है, जहां पूजा सम्पन्न की जाती है।
• कलश (कुम्भ ), नारियल, आम के पत्ते, पुष्प, चावल, हल्दी, कुमकुम, और पंचामृत का उपयोग किया जाता है।
• कलश को जल से भरा जाता है और उसके ऊपर नारियल रखा जाता है।
2.कलश की स्थापना –
• कलश को देवी के रूप में सजाया जाता है और उसके ऊपर वस्त्र और आभूषण रखे जाते हैं।
• इस कलश को देवी पार्वती या कन्या के रूप में पूजा जाता है।
3.मंत्रोच्चार और पूजा विधि –
• पंडित के द्वारा विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
• विवाह प्रक्रिया की तरह कलश के साथ पूरी रस्म निभाई जाती है।
• विवाह के प्रतीक के रूप में मंगलसूत्र और अन्य वस्त्रों का दान किया जाता है।
4.कलश विसर्जन –
• पूजा के अंत में, कलश को किसी पवित्र नदी या जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है।
• इससे विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और मांगलिक दोष शांत होता है।
कुम्भ विवाह पूजा कैसे करवाए?
कुम्भ विवाह पूजा एक प्रभावी धार्मिक अनुष्ठान है जो मांगलिक दोष, विवाह में देरी और दांपत्य जीवन की समस्याओं का निवारण करता है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और समृद्धि लाती है। अगर किसी के विवाह में बाधाएं आ रही हैं या मांगलिक दोष के कारण विवाह के योग नहीं बन रहे हो, तो कुम्भ विवाह पूजा एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली उपाय सिद्ध होता है।
कुम्भ विवाह पूजा धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पूजा वैवाहिक जीवन की बाधाओं को दूर करने और एक सुखमय दांपत्य जीवन की प्राप्ति के लिए एक प्रभावी उपाय है।
उज्जैन मे कुम्भ पूजा कैसे कराएं ?
यह पूजा अनुभवी ज्योतिषीय के द्वारा करवाना चाहिए और जिससे पूजा का लाभदायक फल मिलता है । उज्जैन में यह पूजा करवाना अत्यंत फलदायी एवं लाभकारी होती है, उज्जैन भगवान शिव की बहुत ही प्रसिद्ध और पवित्र नगरी मनी जाती है। यहाँ कुम्भ विवाह पूजा के लिए मंगल नाथ मंदिर बहुत मान्य है। कहा जाता है कि उज्जैन के मंगल नाथ मंदिर में यह पूजा करवाने से कुंडली के सारे दोष समाप्त होते हैं और जीवन सुख शांति से परिपूर्ण होता हैं।
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में कुम्भ विवाह पूजा करवाना से व्यक्ति की कुंडली से मांगलिक दोष को शांत किया जाता है। जिससे व्यक्ति की कुंडली दोष मुक्त हो जाती है और विवाह के शुभ योग बनते है। अपनी पूजा उज्जैन मे बुक करने के लिए यहाँ के अनुभवी पंडित हरिओम शर्मा जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और संपर्क करके पूजा के बारे में परामर्श लें।