क्या 28 साल के बाद मंगल दोष खत्म हो जाता है? ज्योतिष और तथ्यों की सम्पूर्ण जानकारी
मंगल दोष (मांगलिक दोष) क्या है?
मंगल दोष वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण योग है, जो जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (Mars) की विशेष स्थिति से बनता है। यह दोष तब माना जाता है जब मंगल ग्रह 1st, 4th, 7th, 8th, या 12th भाव में स्थित हो। इसके प्रभाव से विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में कलह, या स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
क्या सच में 28 साल के बाद मंगल दोष समाप्त हो जाता है?
ज्योतिष शास्त्र और पारंपरिक मान्यताओं में 28 वर्ष की आयु को मंगल दोष के प्रभाव के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना गया है। इसके पीछे कुछ तर्क निम्नलिखित हैं:
- मंगल की खगोलीय चक्र अवधि:
मंगल ग्रह सूर्य की परिक्रमा लगभग 1.88 वर्ष में पूरी करता है। 28 वर्ष (1.88 x 15) के बाद यह अपनी स्थिति को “पुनर्जीवित” माना जाता है, जिससे दोष का प्रभाव कमजोर हो सकता है। - साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव:
शनि की साढ़े साती (7.5 वर्ष) और मंगल की ढैय्या (18 महीने) जैसे ग्रहीय प्रभावों के बाद 28-30 वर्ष की आयु में व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का संतुलन बदलता है। - पारंपरिक विश्वास:
कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि 28 वर्ष के बाद मंगल दोष “स्वतः शांत” हो जाता है, क्योंकि इस उम्र तक व्यक्ति का भाग्य और कर्म उसके ग्रहों के प्रभाव को नियंत्रित करने लगते हैं।
लेकिन सावधानी:
- यह सिद्धांत सभी कुंडलियों पर लागू नहीं होता। दोष की तीव्रता, मंगल की स्थिति और अन्य ग्रहों के योग भी महत्वपूर्ण हैं।
- कई मामलों में, मंगल दोष 28 वर्ष के बाद भी प्रभावी रह सकता है, खासकर यदि जन्म कुंडली में मंगल अशुभ भावों में बैठा हो।
मंगल दोष की अवधि निर्धारित करने वाले कारक
- कुंडली में मंगल की स्थिति: 8वें या 12वें भाव में मंगल का होना दोष को गंभीर बनाता है।
- अन्य ग्रहों का प्रभाव: बृहस्पति, शनि, या चंद्रमा का समर्थन दोष को कमजोर कर सकता है।
- व्यक्ति के कर्म और संस्कार: नियमित पूजा-पाठ और दान-पुण्य से दोष का प्रभाव घटता है।
विशेषज्ञों की राय
- पंडित हरिओम शर्मा (उज्जैन): “28 वर्ष के बाद मंगल दोष स्वतः नहीं मिटता, लेकिन इस उम्र के बाद किए गए उपाय अधिक प्रभावी होते हैं।”
- ज्योतिषी अंजलि दुबे (दिल्ली): “दोष की समाप्ति उम्र पर नहीं, बल्कि मंगल की स्थिति और व्यक्ति के प्रयासों पर निर्भर करती है।”
मंगल दोष निवारण के उपाय
- मंगलवार का व्रत: लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी या मंगल देव की पूजा करें।
- मंगलनाथ मंदिर (उज्जैन) में पूजा: विशेष हवन और मंत्र जाप से दोष शांत होता है।
- रत्न धारण करना: मूंगा (Coral) रत्न को विधिवत धारण करें।
- दान: लाल चंदन, गुड़, या लाल वस्त्र दान करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. क्या विवाह के बाद मंगल दोष खत्म हो जाता है?
नहीं, लेकिन सही मिलान वाली कुंडली और उपायों से प्रभाव कम हो सकता है।
Q2. क्या पुरुष और महिलाओं पर मंगल दोष का प्रभाव अलग होता है?
जी हाँ, पुरुषों की तुलना में महिलाओं की कुंडली में मंगल दोष को अधिक गंभीर माना जाता है।
Q3. क्या मंगल दोष के बिना भी विवाह में समस्याएँ आ सकती हैं?
हाँ, अन्य ग्रहों की स्थिति और कर्म भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं।
निष्कर्ष
28 वर्ष की आयु के बाद मंगल दोष का प्रभाव कमजोर हो सकता है, लेकिन यह पूर्णतः समाप्त नहीं होता। दोष की गंभीरता और व्यक्ति की कुंडली के आधार पर ज्योतिषीय परामर्श और निवारण उपाय आवश्यक हैं। मंगलनाथ मंदिर में पूजा, मंत्र जाप, और दान जैसे उपायों से दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।