28 वर्ष बाद मंगल दोष के प्रभाव में कमी क्यों आती है?

28 वर्ष बाद मंगल दोष के प्रभाव में कमी क्यों आती है?

अगर आप मंगल दोष के बारे में जानने में रुचि रखते हैं या आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो आपने यह सुना होगा कि 28 वर्ष के बाद इसका प्रभाव कम हो जाता है। क्या यह सच है? और इसके पीछे के कारण क्या हैं? इस लेख में हम आपको इस विषय से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप समझ सकें कि यह प्रभाव कब और क्यों घटता है।

28 वर्ष बाद मंगल दोष के प्रभाव कम होने के कारण:

  1. सौर चक्र का पूरा होना – 28 वर्ष की आयु तक व्यक्ति का पहला शनि चक्र पूरा हो जाता है, जिससे कुंडली में कई ग्रहों के प्रभाव संतुलित होने लगते हैं।
  2. मंगल की ऊर्जा संतुलित होती है – मंगल का उच्च ग्रह है, लेकिन उम्र के साथ व्यक्ति में धैर्य और संयम बढ़ता है, जिससे मंगल की कनेक्टिविटी कम होने लगती है।
  3. वैवाहिक जीवन पर प्रभाव – यदि किसी व्यक्ति का विवाह 28 वर्ष के बाद होता है, तो मंगल दोष का प्रभाव अप्रभावित कम हो सकता है।
  4. अनुभव और परिपक्वता – मंगल दोष के कारण जो आक्रामकता, अधीरता और संघर्ष होते हैं, वे उम्र और अनुभव के साथ नियंत्रित होने लगते हैं।

28 वर्ष बाद भी उपाय आवश्यक क्यो है?

  • हालाँकि 28 वर्ष के बाद मंगल का प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन यदि मंगल बहुत अधिक उच्च है (जैसे कि कुंडली में नीच और मंगल का मंगल के साथ राहू-शनि की जोड़ी हो), तो उसका प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है।
  • मंगल भूत ग्रह और जय ज्योतिषी उपाय करने से मंगल ग्रह की ऊर्जा की नियोजन करने में सहयता मिलती है, जिससे इसका सकारात्मक प्रभाव अधिक है और नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।

अगर आपके और भी कुछ सवाल है तो आप मंगल दोष के बारे मे निशुल्क परामर्श लेने के लिए आप अनुभवी ज्योतिषी पंडित हरिओम शर्मा जी से संपर्क कर सकते है।

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