शिव और रुद्र ब्रह्म के ही पर्यायवाची शब्द हैं।
शिव और रुद्र ब्रह्म के ही पर्यायवाची शब्द हैं। शिव को रुद्र इसलिए कहा जाता है कि ये रुत् अर्थात् दुख को विनष्ट कर देते हैं। “यथा-रुतं दुखंद्रावयति नाशयतीतिरुद्रः । रुद्राष्टाध्यायीका विशेष महात्म्यहै।” शिवपुराणमें सनकादिऋषियों के प्रश्न पर स्वयं शिवजी ने रुद्राष्टाध्यायीके मंत्रों द्वारा अभिषेक का महात्म्यबताते हुए कहा है कि मन, कर्म तथा वाणी …