महाकालेश्वर की नगरी उज्जयिनी (उज्जैन) में मंदिरों की इस
श्रृंखला में ऋणमुक्तेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर में प्रतिवर्ष
हजारों की संख्या में यहां आकर दर्शनार्थी पूजा अर्चना कर
विभिन्न ऋणों से मुक्त होने की प्रार्थना करते हैं। उनकी मनोकामना
पूरी भी होती है। शहर से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित यह
मंदिर मोक्षदाईनी क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यहां प्रति
शनिवार को पीली पूजा का बड़ा महत्व है। पीला पूजा से तात्पर्य
पीले वस्त्र में चने की दाल, पीला पुष्प, हल्दी की गांठ और थोड़ा
सा गुड़ बांधकर जलाधारी पर अपनी मनोकामना के साथ अर्पित
करना है।
चने की दाल से पूजन
कोई भी ऋण स्वर्ण से चुकाया जा सकता है। लेकिन सोने के
अभाव मे जो भी व्यक्ति चने की दाल जो की देवगुरु ग्रह की वस्तु
है। गुरु ग्रह से सम्बन्धित (सोना, हल्दी, केसर, चना दाल) अपने
गुरु का नाम स्मरण कर गणेश गौरी नवग्रह मंडल का पूजन कर
अपने नाम कुल,गोत्र का स्मरण कर पूजन करने से भी जातक के
सभी प्रकार के भारी से भारी ऋणों का नाश होता है।
राजा हरीशचंद्र, ऋषि विश्वामित्र को दक्षिणा देकर ऋण मुक्त हुये
थे वहीं पर राजा हरीशचंद्र ने शिवलिंग स्थापित किया था और
उनका नाम ऋण मुक्तेश्वर महादेव हो गया। भगवान शिव ने राजा
को यह वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यहां दर्शन करने के
साथ अभिषेक और पीली पूजन करेगा वह ऋण मुक्त तो होगा ही
वहीं अन्य सभी तरह की चिंता से भी उसे मुक्ति मिल जायेगी।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की यदि किसी
को ऋण से बहुत परेशानी है तो उसे एक बार उज्जैन आकर ऋण
मुक्तेश्वर महादेव की पूजन अर्चन जरूर करना चाहिये।
कर्ज उतारने के लिये कई उपायों को बताया गया है, लेकिन
मध्यप्रदेश के उज्जैन में पुराण प्रसिद्ध ऋण मुक्तेश्वर महादेव की
आराधना की जाये या उनके दर्शन ही कर लिये जाये तो ऋण से
मुक्ति मिल जाती है। वाल्मीकि धाम क्षेत्र में ऋणमुक्तेश्वर मंदिर
स्थित है। मान्यता है कि यह अनादि है। यहां दूर-दूर से भक्त
मनोकामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि भगवान ऋणमुक्तेश्वर के
पूजन से ऋण से मुक्ति मिलती है।